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डीडीए ने दिल्ली के नरेला बवाना रोड़ पर स्थित शमशान घाट पर चलाया बुलडोजर, जनता में आक्रोश

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बाहरी दिल्ली में बिल्डर माफिया और प्रशासन की सांठगाँठ से रोज नई अवैध कालोनियाँ बसाई जा रही है, यहां तक की क़ृषि भूमि पर भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है, जिम्मेदार एजेंसिया मोटी रकम लेकर आँख पर पट्टी बांधे हुए है. तमाम शिकायतो के बावजूद भी न तो डीडीए, पुलिस और एमसीडी पूरी तरह खामोश बनी रहती है, वहीं दिल्ली नरेला- बवाना रोड पर बने सार्वजनिक श्मशान घाट को DDA की तरफ से तोड़ दिया गया. डीडीए की यह कार्रवाई शुक्रवार को की गई, डीडीए की इस कार्यवाही की वजह से स्थानीय लोंगो के भीतर काफी आक्रोश है.लोंगो का कहना है कि यहां करीब दो लाख लोगों की आबादी के बीच, कई किलोमीटर में कोई श्मशान घाट नहीं है, इस शमशान घाट में स्वतंत्र नगर, घोगा कॉलोनी, प्रेम कॉलोनी विशाल एंक्लेव और आसपास के इलाके में रहने वाले पिछले तीन-चार सालों से इसी  में दाह संस्कार करते थे, लेकिन DDA की तरफ से शुक्रवार को यहां पर बुलडोजर से श्मशान घाट को तोड़ दिया गया। कार्रवाई करने पहुंचे अधिकारियों का कहना है कि यह उनकी डीडीए लैंड है, जिस पर अवैध रूप से कब्जा किया गया था.


हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके कई मांगों के बावजूद जब सिविक एजेंसियों की तरफ से उन्हें कोई  श्मशान  घाट नहीं मिला, तो उन्होंने आपसी चंदा इकट्ठा करके इसे बनाया था. स्थानीय निगम पार्षद दिनेश भारद्वाज ने बताया कि यह डीडीए की तोड़फोड़ की कार्रवाई जनता के हित में नहीं है। करीब 2 लाख से भी अधिक आबादी वाले इस इलाके में कोई भी शमशान घाट नहीं है। यहां के लोगों को नरेला रेलवे लाइन को क्रॉस करके करीब कई किलोमीटर दूर एक  श्मशान  घाट में जाना पड़ता था। इसको देखते हुए जनहित में इसे स्थानीय लोगों के सहयोग से बनाया गया था, जिसे डीडीए ने बिना कोई सूचना दिए तोड़ दिया, वहीं स्थानीय लोगो ने यह भी आरोप लगाया है कि यह श्मशान घाट सार्वजनिक था इस लिए डीडीए को कोई चढ़ावा नहीं चढ़ा सके जिसके कारण डीडीए के अधिकारियों ने यह कार्यवाही की है.

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